सरगांव। विशेष आवश्यकता वाले बच्चों को मुख्यधारा की शिक्षा से जोड़ने के लिए समग्र शिक्षा मुंगेली द्वारा गैप एनालिसिस (शाला त्यागी) प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। कलेक्टर एवं जिला पंचायत सीईओ के मार्गदर्शन में पथरिया विकासखंड के बीआरसी में आयोजित इस प्रशिक्षण में हाईस्कूल, हायर सेकेंडरी, मिडिल और प्राथमिक शालाओं के कुल 130 शिक्षकों ने हिस्सा लिया।
प्रशिक्षण के दौरान शाला त्यागी दिव्यांग छात्रों के चिन्हांकन, शाला में ठहराव व जुड़ाव, समावेशी वातावरण निर्माण, शिक्षकों की भूमिका, दिव्यांग अधिकार अधिनियम 2016, बीआरसी से प्राप्त सुविधाएं तथा शासन की योजनाओं में दिव्यांग बच्चों के लिए अवसर जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की गई।
शिक्षकों को दिव्यांग बच्चों के प्रति संवेदनशील बनने की अपील
समावेशी शिक्षा जिला प्रभारी एपीसी अशोक कश्यप, बीईओ पीएस बेदी, एबीईओ रविपाल राठौर, यतेन्द्र भास्कर, एनआर ध्रुव, बीआरसी अशोक यादव व बीआरपी प्रिया यादव ने शिक्षकों को संबोधित किया। उन्होंने शिक्षकों से अपील की कि वे दिव्यांग बच्चों की शिक्षा में किसी भी तरह की बाधा न आने दें और उन्हें प्रोत्साहित करें।

दृष्टिबाधित छात्र को मिली शैक्षणिक सहायता
प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान पूर्ण दृष्टिबाधित छात्र महावीर निषाद (कक्षा नवमी, हायर सेकेंडरी स्कूल चुनचुनिया) को शासन द्वारा स्वीकृत स्मार्टफोन, कीबोर्ड व ईयरफोन प्रदान किए गए। शिक्षकों और अतिथियों ने इसे छात्र की शिक्षिका पूनम शर्मा के साथ वितरित किया।
वहीं, जगता कांपा की दिव्यांग छात्रा नेहा प्रजापति की माता शांति प्रजापति ने अपनी बेटी के शिक्षा सफर को साझा किया। उन्होंने बताया कि उनकी बेटी डाउन सिंड्रोम से ग्रसित होने के बावजूद शासकीय स्कूल में पढ़ाई कर रही है और बीआरसी से मिली एमआर किट से उसे पढ़ने-लिखने में काफी मदद मिल रही है।
प्रोजेक्टर व मॉड्यूल के जरिए दिया गया प्रशिक्षण
प्रशिक्षण में मास्टर ट्रेनर बीआरपी प्रिया यादव एवं सीएससी मोहन लहरी ने प्रोजेक्टर, मॉड्यूल व प्रशिक्षण संदर्शिका के माध्यम से शिक्षकों को प्रशिक्षित किया। कार्यक्रम के अंत में शिक्षकों को दिव्यांग बच्चों की शिक्षा को प्राथमिकता देने और उन्हें शाला से जोड़े रखने की जिम्मेदारी निभाने की शपथ दिलाई गई।