सरगांव// – भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (NSUI) के 55वें स्थापना दिवस पर संत शिरोमणि गुरु रविदास शासकीय महाविद्यालय, सरगांव के निर्वाचित छात्रसंघ अध्यक्ष विनोद घृतलहरे ने छात्र-छात्राओं को आभार प्रकट करते हुए संगठन की गौरवशाली यात्रा को नमन किया और “राजनीति नहीं, लोकनीति करूंगा” जैसे सशक्त संदेश के साथ छात्र हितों के प्रति अपने संकल्प को दोहराया।
विनोद ने कहा, “मुझे गर्व है कि मैं NSUI जैसे संगठन से जुड़ा, जिसने मुझे पहचान दी, लोगों की आवाज़ बनने का अवसर दिया और जनसेवा का माध्यम बनाया।” उन्होंने संगठन की स्थापना 9 अप्रैल 1971 को हुए होने की जानकारी देते हुए बताया कि यह सिर्फ एक संगठन नहीं बल्कि छात्रों की उम्मीद, हक़ और आवाज़ है।
राहुल गांधी से मिली प्रेरणा
विनोद ने बताया कि जब वे कक्षा 12वीं में थे, तब श्री राहुल गांधी के भाषणों ने उन्हें बहुत प्रभावित किया। “राहुल गांधी जी कहते थे कि कांग्रेस और NSUI के दरवाज़े देश के युवाओं के लिए खुले हैं। उनकी इसी सोच ने मुझे भी हिम्मत दी और आज मैं छात्रसंघ अध्यक्ष बनने में सफल हो सका,” उन्होंने कहा।
एक सामान्य परिवार से नेतृत्व की ओर
विनोद घृतलहरे का जन्म मुंगेली जिले के ग्राम उमरिया में हुआ। उन्होंने प्राथमिक से लेकर हायर सेकेंडरी शिक्षा गांव और बावली स्कूल में पूर्ण की और कॉलेज की पढ़ाई सरगांव महाविद्यालय से की। पढ़ाई में सदैव अव्वल रहे विनोद ने छात्र जीवन में खेलकूद और सांस्कृतिक गतिविधियों में भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।
21 वर्ष की उम्र में ऐतिहासिक जीत
कॉलेज में पढ़ाई के साथ ही छात्र हितों को लेकर आवाज़ उठाने वाले विनोद को छात्रसंघ चुनाव में कॉलेज छात्रों का व्यापक समर्थन मिला। सीमित संसाधनों और चुनौतियों के बावजूद उन्होंने तीन चौथाई बहुमत से जीत दर्ज कर कॉलेज के इतिहास में नया अध्याय जोड़ा। इस दौरान कांग्रेस के कई नेताओं ने उनका समर्थन किया, जिनमें स्व. सुनील यादव, इंद्रा उदयभान साहू, मुकेश साहू, राजेंद्र शुक्ल, रशीद खान और अन्य शामिल हैं।
विविध अनुभव और सक्रिय भागीदारी
छात्रसंघ अध्यक्ष बनने के अलावा विनोद NSUI और कांग्रेस पार्टी में कई पदों पर कार्य कर चुके हैं। वे युवा कांग्रेस महासचिव और दो बार बिल्हा विधानसभा के पीसीसी आई-सेल अध्यक्ष भी रह चुके हैं। विधानसभा, लोकसभा और स्थानीय चुनावों में भी उनका सक्रिय योगदान रहा है।
युवाओं से विशेष अपील
विनोद ने युवाओं से राजनीति में भागीदारी की अपील करते हुए कहा, “राजनीति हमें प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित करती है। पढ़े-लिखे युवाओं की ज़रूरत राजनीति को भी है। युवाओं को वैज्ञानिक सोच अपनाते हुए समाज में जागरूकता लानी चाहिए।”
अंतिम लक्ष्य
विनोद का कहना है कि उनका जीवन लक्ष्य लोकतंत्र की सर्वोच्च पंचायत में जनता के हक और अधिकारों की आवाज़ बनना है।