धमनी में पानी टंकी निर्माण पर सवाल – गुणवत्ताहीन कार्य से ग्रामीणों में गहरी चिंता


सरगांव    पथरिया जनपद पंचायत क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत धमनी में पेयजल संकट को दूर करने के उद्देश्य से जल संसाधन विभाग द्वारा पानी टंकी का निर्माण कराया जा रहा है। योजना के तहत लगभग 300 ग्रामीण परिवारों को लाभ मिलने की उम्मीद थी। लेकिन निर्माण की स्थिति देखकर ग्रामीणों में गहरी चिंता और असंतोष व्याप्त है।

मानकों की अनदेखी से ग्रामीण परेशान

निरीक्षण के दौरान स्पष्ट हुआ कि निर्माण कार्य में गंभीर लापरवाही हो रही है। कई स्थानों पर सरिया (लोहे की छड़ें) पूरी तरह कंक्रीट से ढकी नहीं हैं, जिससे वह खुले में जंग खा रही हैं। सीमेंट और गिट्टी का अनुपात संतुलित नहीं रखा गया है, जिसके कारण ढलाई कमजोर है। कई जगह दीवारों में दरारें और छेद नजर आ रहे हैं, जिससे टंकी की मजबूती पर सवाल खड़े हो गए हैं।

छत्तीसगढ़ शासन के ग्रामीण जल आपूर्ति एवं स्वच्छता संबंधी मानक के अनुसार पेयजल संरचनाओं के निर्माण में उच्च गुणवत्ता वाली सामग्री का उपयोग और पूर्ण तकनीकी मानकों का पालन अनिवार्य है। ढलाई के बाद स्ट्रक्चर की जलरोधक क्षमता सुनिश्चित करना, सरिया को पूरी तरह कवर करना और संरचना की मजबूती जांचना ठेकेदार व विभाग की जिम्मेदारी है।

80 प्रतिशत भुगतान के बाद भी अधूरा काम

निर्माण कार्य की जिम्मेदारी मेसर्स निरंजन कुमार जायसवाल एजेंसी को दी गई है। ठेकेदार निरंजन जायसवाल हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि शासकीय धन का दुरुपयोग हुआ है। जानकारी के अनुसार, निर्माण लागत का लगभग 80 प्रतिशत भुगतान हो चुका है, बावजूद इसके टंकी अधूरी और निर्माणाधीन है।

ग्रामीणों और जनप्रतिनिधियों की प्रतिक्रिया

सरपंच रिंकी राज कौशिक ने कहा—
“ग्राम धमनी के लिए पानी टंकी का निर्माण बेहद आवश्यक कार्य है। यह योजना लगभग 300 परिवारों को लाभ पहुँचाने के उद्देश्य से स्वीकृत की गई है। लेकिन जिस तरह से निर्माण कार्य में लापरवाही और गुणवत्ताहीन सामग्री के प्रयोग की शिकायतें सामने आ रही हैं, वह गंभीर विषय है। हमारी प्राथमिकता ग्रामीणों को सुरक्षित और दीर्घकालीन सुविधा देना है। इसलिए मैं स्वयं भी इस कार्य की जांच की मांग कर रही हूँ और संबंधित विभाग से आग्रह करूँगी कि ठेकेदार पर कठोर कार्रवाई की जाए।”

उपसरपंच एजाज अली ने कहा—
“हमारे गांव के लोग वर्षों से पेयजल संकट से जूझते रहे हैं। सरकार ने टंकी विस्तार की योजना तो दी, लेकिन यदि निर्माण कार्य मानकों के अनुसार नहीं होगा तो यह योजना व्यर्थ साबित होगी। ग्रामीणों की शिकायतें सही साबित हो रही हैं। हम चाहते हैं कि तकनीकी टीम जल्द जांच करे और दोषियों को बख्शा न जाए। जनता का पैसा है, इसलिए काम पारदर्शी और मजबूत होना चाहिए।”

ग्रामीण विनोद निषाद ने कहा
“सालों से हम पानी की समस्या से जूझ रहे हैं। जब टंकी का निर्माण शुरू हुआ तो हमें उम्मीद थी कि अब राहत मिलेगी, लेकिन घटिया काम देखकर डर लग रहा है कि यह कभी भी गिर सकती है। कई बार हमने देखा कि सीमेंट, गिट्टी और लोहे की क्वालिटी सही नहीं है। अब तो टंकी में दरारें भी दिखने लगी हैं। अगर ऐसे ही बनी रही तो आने वाले समय में यह कभी भी टूट सकती है, जिससे बड़ा हादसा हो सकता है।”

ग्रामीणों ने पारदर्शी जांच की मांग की

ग्रामीणों ने प्रशासन से पारदर्शी जांच और गुणवत्तापूर्ण कार्य की मांग की है। उन्होंने कहा कि यह मामला सिर्फ एक गांव का नहीं है, बल्कि सवाल खड़ा करता है कि क्या विकास कार्यों में सुरक्षा और गुणवत्ता को नजरअंदाज करना उचित है?

ग्रामीणों ने शासन-प्रशासन से अपील की है कि नियमों के अनुसार कार्य की जांच कर दोषियों पर छत्तीसगढ़ शासन के लोक निर्माण और पंचायत राज अधिनियम के तहत कठोर कार्रवाई की जाए।


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