अभिभावकों ने कहा– सात दिन में समाधान नहीं तो स्कूल में लगेगा ताला
सरगांव। स्वामी आत्मानंद शासकीय अंग्रेजी एवं हिंदी माध्यम विद्यालय सरगांव में शिक्षकों और आया की कमी को लेकर अभिभावकों का आक्रोश फूट पड़ा है। विद्यालय का संचालन दो वर्षों से हो रहा है, लेकिन आज तक एलकेजी और यूकेजी कक्षाओं के लिए न तो शिक्षकों की नियुक्ति की गई है और न ही आया की व्यवस्था की गई है। छोटे बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होने से अभिभावक नाराज हैं।
शुक्रवार 12 सितंबर को विद्यालय परिसर में आयोजित बैठक में अभिभावकों ने स्थिति पर गंभीर चिंता जताई। बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि यदि सात दिनों के भीतर शिक्षक और आया की नियुक्ति नहीं होती है, तो बच्चे विद्यालय नहीं भेजे जाएंगे और स्कूल में ताला लगाकर आंदोलन किया जाएगा। अभिभावकों ने स्पष्ट कहा कि इसकी पूरी जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी।
अभिभावकों ने बताया कि 8 सितंबर को भी उन्होंने विद्यालय की प्राचार्या से इस समस्या को लेकर मौखिक शिकायत की थी। साथ ही जिला शिक्षा अधिकारी को भी स्थिति से अवगत कराया गया था और आवश्यक कार्रवाई का आश्वासन मिला था। इसके बावजूद अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।
शासन के नियम क्या कहते हैं?
छत्तीसगढ़ शासन के स्कूल शिक्षा विभाग के नियमों के अनुसार –
- प्राथमिक स्तर (कक्षा 1 से 5 तक) में 30 बच्चों पर 1 शिक्षक अनिवार्य है।
- उच्च प्राथमिक स्तर (कक्षा 6 से 8 तक) में 35 बच्चों पर 1 शिक्षक होना चाहिए।
- एलकेजी और यूकेजी कक्षाओं के लिए कम से कम 1-1 शिक्षक और प्रत्येक 25 बच्चों पर 1 आया की व्यवस्था आवश्यक है।
सरगांव स्थित स्वामी आत्मानंद स्कूल में बच्चों की संख्या के हिसाब से कम से कम 2 शिक्षकों और 2 आया की तत्काल आवश्यकता है।

📌 समिति के अध्यक्ष व अभिभावकों का पत्र प्रशासन के नाम
शाला प्रबंधन विकास समिति, स्वामी आत्मानंद शासकीय अंग्रेजी/हिंदी माध्यम विद्यालय सरगांव ने जिला शिक्षा अधिकारी और नगर पंचायत को एक ज्ञापन सौंपा है।
इस पत्र में समिति ने लिखा है कि–
- नए विद्यालय भवन के लिए बाउंड्री वॉल, ड्रेनेज सिस्टम और पहुंच मार्ग का निर्माण नहीं हुआ है।
- बच्चों की सुरक्षा को लेकर गंभीर समस्याएं हैं।
- एलकेजी और यूकेजी कक्षाओं के लिए शिक्षकों और आया की तत्काल नियुक्ति जरूरी है।
- आवश्यक संसाधन उपलब्ध नहीं होने से प्रारंभिक शिक्षा बाधित हो रही है।
- यदि सात दिनों में समस्या का समाधान नहीं किया गया, तो पालक बच्चों को स्कूल नहीं भेजेंगे और ताला बंदी कर आंदोलन करेंगे।
यह पत्र समिति के अध्यक्ष, प्राचार्य और पदाधिकारियों द्वारा हस्ताक्षरित कर 12 सितंबर 2025 को जारी किया गया है।

समिति अध्यक्ष का बयान
शाला प्रबंधन विकास समिति अध्यक्ष रामजुड़ावन ने कहा –
“विद्यालय के छोटे-छोटे बच्चे बिना शिक्षक और आया के कक्षाओं में बैठे रहते हैं, जिससे उनकी पढ़ाई प्रभावित हो रही है। शासन द्वारा स्वामी आत्मानंद स्कूलों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए शुरू किया गया था, लेकिन आज यहां स्थिति चिंताजनक है। यदि हमारी मांगों पर जल्द कार्रवाई नहीं होती है तो मजबूरन अभिभावकों के साथ मिलकर ताला बंदी करनी पड़ेगी। इसकी जिम्मेदारी पूरी तरह शासन और शिक्षा विभाग की होगी।”
उद्देश्य अधूरा
अभिभावकों का कहना है कि जिस उद्देश्य से स्वामी आत्मानंद स्कूल खोले गए थे, वह अधूरा नजर आ रहा है। यहां गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और बच्चों को बेहतर वातावरण देने की बात कही गई थी, लेकिन शिक्षकों और आया की कमी से शिक्षा व्यवस्था बाधित हो रही है। अभिभावकों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया, तो वे आंदोलन का रास्ता अपनाने को बाध्य होंगे।