➡️ ‘ऑपरेशन मुस्कान’ के तहत चला रेस्क्यू अभियान, साइबर टीम और थाना बल की संयुक्त कार्यवाही
मुंगेली। ग्राम पेटुलकापा की चार नाबालिक छात्राएं जो गुरुवार, 4 जुलाई को स्कूल से घर लौटते समय अचानक लापता हो गई थीं, उन्हें मुंगेली पुलिस ने महज आठ घंटे में सकुशल बरामद कर परिजनों को सौंप दिया। यह त्वरित कार्रवाई ‘ऑपरेशन मुस्कान’ के अंतर्गत की गई, जिसने जिले में मुंगेली पुलिस की कार्यकुशलता और संवेदनशीलता का स्पष्ट उदाहरण प्रस्तुत किया।
बिलासपुर बस स्टैंड से मिली सफलता
जैसे ही छात्राओं की गुमशुदगी की सूचना मिली, पुलिस अधीक्षक श्री भोजराम पटेल (भा.पु.से.) ने तत्काल एक विशेष रेस्क्यू टीम गठित की।
रेस्क्यू दल ने बिना समय गंवाए सरगांव, पथरिया, बिलासपुर और रायपुर हाईवे पर सघन सर्च ऑपरेशन चलाया।
इसी दौरान बिलासपुर बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन क्षेत्र में तैनात टीमों की सतर्क निगरानी से बड़ी सफलता मिली – चारों बालिकाएं सकुशल बरामद कर ली गईं।
साइबर सेल प्रभारी सुशील कुमार बंछोर की टीम की अहम भूमिका
इस पूरे ऑपरेशन में साइबर सेल प्रभारी श्री सुशील कुमार बंछोर और उनकी टीम ने अत्यंत अहम और निर्णायक भूमिका निभाई।
टीम ने सीसीटीवी फुटेज, मोबाइल लोकेशन ट्रैकिंग, और इलेक्ट्रॉनिक निगरानी जैसे आधुनिक संसाधनों का बारीकी से विश्लेषण कर संभावित स्थानों की पहचान की। तकनीकी सटीकता और गहन निगरानी के चलते बालिकाओं को ट्रेस करना संभव हो सका।
सुशील बंछोर और उनकी टीम ने यह साबित किया कि आज की आधुनिक पुलिसिंग में तकनीक सबसे बड़ी ताकत है, बशर्ते उसका सही दिशा में उपयोग हो।
थाना बल का सराहनीय योगदान
रेस्क्यू अभियान में थाना पथरिया और थाना सरगांव की टीमें भी पूरी रात मुस्तैद रहीं। उन्होंने मानवीय संवेदनशीलता के साथ सतर्कता बनाए रखी और अभियान को सफलतापूर्वक अंजाम तक पहुंचाया।
बालिकाओं की बरामदगी के बाद जब परिजनों को सूचना दी गई, तो वहां भावुक दृश्य देखने को मिला। आंखों में आंसू थे – राहत और आभार के।
पुलिस अधीक्षक ने दी टीम को बधाई
एसपी श्री भोजराम पटेल ने अभियान में शामिल समस्त अधिकारियों और कर्मचारियों को बधाई देते हुए कहा:
“यह सिर्फ एक रेस्क्यू नहीं, बल्कि समाज के विश्वास की रक्षा है। पुलिसिंग सिर्फ कानून-व्यवस्था नहीं, मानवता की सेवा भी है।”
ऑपरेशन मुस्कान: समाज की उम्मीदों का प्रहरी
‘ऑपरेशन मुस्कान’ के अंतर्गत इस तरह की त्वरित कार्रवाई ने चार मासूम चेहरों पर मुस्कान लौटाई – और समाज में माता-पिता को यह भरोसा दिया कि जब बात बच्चों की सुरक्षा की हो, तो पुलिस सबसे मजबूत सहारा बन सकती है।
