सरगांव। क्षेत्र में बीते दो दिनों से हो रही लगातार झमाझम बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। विशेष रूप से शिवनाथ नदी समेत सभी नदी-नालों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। शिवनाथ नदी उफान पर है और इसका पानी मदकू द्वीप के दोनों ओर बने एनीकेट से तीन फीट ऊपर बह रहा है, जिससे आसपास के गांवों में खतरे की स्थिति बन गई है।
मंगलवार सुबह तक पानी एनीकेट से एक फीट ऊपर बह रहा था, जो दोपहर तक तीन फीट तक पहुंच गया। गौरतलब है कि शिवनाथ नदी, जो सामान्यतः सालभर बहती रहती है, इस वर्ष भीषण गर्मी के दौरान पहली बार सूख गई थी, जिससे गांवों में बोरवेल का जलस्तर 300 से 350 फीट नीचे चला गया था। अब भारी बारिश के चलते नदी-नालों में बहाव लौट आया है और भूजल स्तर में भी सुधार हुआ है।
मदकू द्वीप का संपर्क मार्ग बाधित
धार्मिक एवं पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण मदकू द्वीप का दोनों ओर एनीकेट के माध्यम से सड़क संपर्क था, लेकिन एनीकेट के ऊपर से पानी बहने के कारण प्रशासन ने सतर्कता बरतते हुए ग्राम पंचायत की मदद से वहां अस्थायी बैरिकेड लगाकर रास्ता बंद कर दिया है। बावजूद इसके कुछ लापरवाह वाहन चालक एनीकेट पार करने की कोशिश कर रहे हैं, जो चिंता का विषय है।
नाव के सहारे पहुंच रहे श्रद्धालु, मनमानी वसूली पर प्रशासन सख्त
सड़क मार्ग बंद होने के चलते श्रद्धालु और पर्यटक अब नाव के सहारे मदकू द्वीप पहुंच रहे हैं। इसी बीच कुछ नाव संचालक यात्रियों से मनमाना किराया वसूल कर रहे हैं। इस पर संज्ञान लेते हुए अनुविभागीय अधिकारी (एसडीएम) पथरिया ने नाव संचालकों की बैठक बुलाई है। बैठक में तय किया गया कि नाव संचालन के नियम बनाए जाएंगे, किराया निर्धारित होगा और यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी।
प्रशासन की पहल सराहनीय, सहयोग करें आमजन
प्रशासन द्वारा समय रहते उठाए गए कदम सराहनीय हैं। यदि नाव संचालन की व्यवस्था पारदर्शिता से लागू होती है, तो वर्षा ऋतु के दौरान भी मदकू द्वीप की यात्रा सुरक्षित और सुगम होगी। इससे न केवल श्रद्धालुओं को सुविधा होगी, बल्कि स्थानीय पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा और रोजगार के अवसर सृजित होंगे।
लगातार हो रही बारिश ने जहां लोगों की चिंता बढ़ा दी है, वहीं सूखते जल स्रोतों को नया जीवन दिया है। ऐसे में जरूरी है कि आमजन प्रशासन का सहयोग करें, सतर्क रहें और किसी भी प्रकार की लापरवाही से बचें ताकि धार्मिक आस्था और पर्यटन स्थल की गरिमा बनी रहे।