1 सितम्बर को आंगनबाड़ी केंद्रों में लटकेगा ताला, कार्यकर्ता सड़कों पर उतरेंगी


जीने लायक वेतन और बर्खास्तगी रोकने की मांग को लेकर आंदोलन तेज

मुंगेली// । आंगनबाड़ी कार्यकर्ता-सहायिका संयुक्त मंच-छत्तीसगढ़ ने ऐलान किया है कि 1 सितम्बर को प्रदेश के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों में तालाबंदी रहेगी। संगठन की प्रमुख मांगों में जीने लायक वेतन, सामाजिक सुरक्षा, सेवा का शासकीयकरण और पदाधिकारियों पर हो रही बर्खास्तगी की कार्यवाही को वापस लेना शामिल है।

संयुक्त मंच ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि आईसीडीएस को शुरू हुए 50 साल हो गए, लेकिन आज भी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं को न तो मजदूर माना जाता है और न ही कर्मचारी। बुजुर्गावस्था पेंशन, ग्रेच्युटी, समूह बीमा, स्वास्थ्य सुविधा जैसी बुनियादी मांगों को अब तक पूरा नहीं किया गया है।

पदाधिकारियों पर दमन का आरोप

संगठन ने आरोप लगाया कि जब भी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता अपनी समस्याओं को लेकर आवाज उठाती हैं, तो शासन-प्रशासन द्वारा दमन किया जाता है। कई पदाधिकारियों को गलत आरोप लगाकर सेवा से बर्खास्त किया गया। इनमें सुमन यादव (प्रांतीय सचिव) का मामला दो साल से रायपुर कलेक्टर न्यायालय में लंबित है। इसी तरह कल्पना चंद (अध्यक्ष, पंखाजूर) और रुक्मणी सज्जन (प्रांताध्यक्ष) को भी बर्खास्त किया गया था।

तकनीकी समस्याओं से बढ़ रही दिक्कतें

संगठन ने कहा कि विभागीय कार्यों में फोटो फेस कैप्चर, e-KYC, पोषण ट्रैकर जैसी ऑनलाइन प्रक्रियाओं के लिए पर्याप्त नेटवर्क सुविधा नहीं है। ग्रामीण और वनांचल क्षेत्रों में नेट की समस्या से कार्य प्रभावित होता है, जिसके कारण मानदेय काट लिया जाता है। वहीं, पोषण आहार वितरण में हितग्राहियों के पास मोबाइल और OTP अनिवार्यता जैसी शर्तों से भी कार्यकर्ताओं को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।

धरना-प्रदर्शन का ऐलान

संयुक्त मंच ने हाल ही में जारी उस आदेश की कड़ी निंदा की है जिसमें कहा गया था कि बार-बार प्रदर्शन करने वाले पदाधिकारियों को बर्खास्त किया जाए। मंच ने इस आदेश को लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन बताया और इसे रद्द करने की मांग की।

जिला अध्यक्ष प्रभा डहरिया ने बताया कि शासन से कई बार पत्र, मुलाकात और वार्ता की कोशिश के बावजूद कोई सार्थक पहल नहीं हुई। इस कारण 1 सितम्बर को प्रदेश की एक लाख से अधिक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता-सहायिकाएं 33 जिलों में काम बंद कर सड़क पर उतरेंगी, रैलियां और धरना-प्रदर्शन करेंगी। इसके साथ ही प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन भी सौंपा जाएगा


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