मुंगेली। छत्तीसगढ़ के मुंगेली जिले से इन दिनों एक भावनात्मक और प्रेरणादायी वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। इस वीडियो में जिले के पुलिस अधीक्षक भोजराम पटेल भक्ति रस में डूबे हुए श्रद्धालुओं संग भजन गाते-थिरकते नज़र आ रहे हैं। माथे पर चंदन का टीका, पारंपरिक वेशभूषा और चेहरे पर आस्था की झलक उनके इस स्वरूप को और भी दिव्य बना रही थी।

भजन “बांके बिहारी की देख जटा मेरो मन होय लटा पटा” की धुन पर जब एसपी भोजराम पटेल भाव-विभोर होकर झूम उठे, तो पूरा पंडाल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। वहां मौजूद श्रद्धालु इस दृश्य से अभिभूत हो उठे। उनका कहना था कि जिले का सबसे बड़ा पुलिस अधिकारी जब आम भक्त की तरह आस्था में रंग जाता है, तो यह भारतीय परंपरा और सनातन संस्कृति की असली झलक होती है।
लोगों ने इस पल को प्रशासन और आस्था का अद्भुत संगम बताया। सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद सैकड़ों लोगों ने भावनाएं व्यक्त करते हुए लिखा—
👉 “ऐसे अधिकारी ही जनता और समाज के बीच भरोसे का पुल बनते हैं।”
👉 “वर्दी में रहकर भी इंसान का दिल भक्तिभाव से भरा हो सकता है, यही इसका सुंदर उदाहरण है।”
स्थानीय नागरिकों का मानना है कि भोजराम पटेल का यह रूप यह संदेश देता है कि अफसरशाही सिर्फ अनुशासन और कठोरता तक सीमित नहीं है, बल्कि संवेदनशीलता, संस्कृति और आध्यात्मिक भावनाओं से भी गहराई से जुड़ी होती है। जब अधिकारी समाज की परंपराओं और संस्कारों से खुद को जोड़ते हैं, तो जनता और प्रशासन के बीच की दूरी स्वतः कम हो जाती है।

धार्मिक आयोजनों से जुड़े पुरोहितों और विद्वानों ने भी इसे समाज के लिए प्रेरक क्षण बताया। उनके अनुसार, ऐसे दृश्य समाज में सकारात्मक ऊर्जा फैलाते हैं और प्रशासनिक पद पर बैठे अधिकारी की छवि जनता के बीच और अधिक आत्मीय बनाते हैं।
मुंगेली की जनता कह रही है कि यह दृश्य सुशासन और आस्था का सुंदर मेल है। यह सरकार के ‘रामराज्य’ के सपने को साकार करने जैसा प्रतीत होता है।
कुल मिलाकर, वायरल वीडियो विवाद का नहीं बल्कि गर्व का विषय है। भोजराम पटेल न केवल जिले की कानून-व्यवस्था संभालने में सक्षम अधिकारी हैं, बल्कि समाज की आस्था और संस्कारों से भी गहराई से जुड़े हुए हैं। यही कारण है कि आज लोग गर्व से कह रहे हैं—
👉 “एसपी सिर्फ जिले के प्रहरी ही नहीं, बल्कि भक्ति भाव से भरे आदर्श अधिकारी भी हैं।”