छत्तीसगढ़।
आंगनबाड़ी केंद्रों के 50 वर्ष पूरे होने के बाद भी कार्यकर्ता और सहायिकाओं का जीवन स्तर आज भी अपेक्षित सुधार नहीं देख पाया है। वर्ष 2023 में संयुक्त मंच के गठन से मानदेय वृद्धि की दिशा में अहम कदम जरूर उठे, लेकिन स्थायी समाधान की मांग को लेकर संघर्ष तेज हो गया है। इसी कड़ी में 19 सितंबर को रायपुर के तूता मैदान में होने वाले विशाल आंदोलन ने पूरे प्रदेश का ध्यान अपनी ओर खींच लिया है।
इस ऐतिहासिक प्रदर्शन को मुंगेली जिले से जबरदस्त समर्थन मिल रहा है। सक्षम आंगनवाड़ी कार्यकर्ता-सहायिका कल्याण संघ, मुंगेली की जिला अध्यक्ष प्रभा डहरिया ने अपने पूरे संगठन के साथ आंदोलन को खुला समर्थन देते हुए कहा कि—
“यह लड़ाई केवल वेतन बढ़ाने की नहीं, बल्कि आत्मसम्मान और स्वाभिमान की है। जब तक गुजरात की तर्ज पर कार्यकर्ताओं को ₹26,500 और सहायिकाओं को ₹24,000 मासिक मानदेय नहीं मिलता, हमारी लड़ाई जारी रहेगी।”
प्रभा डहरिया ने बताया कि मुंगेली जिले के सभी ब्लॉकों की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाएं बड़ी संख्या में रायपुर पहुँचने की तैयारी में हैं। उनके नेतृत्व में पूरा जिला संगठन आंदोलन को सफल बनाने के लिए लगातार बैठकें कर रहा है और गांव-गांव जाकर बहनों को जोड़ रहा है।
संयुक्त मंच ने भी मुंगेली जिले की इस सक्रियता की सराहना की है। प्रभा डहरिया ने सभी कार्यकर्ता-सहायिकाओं से अपील की है कि “कौन क्या कह रहा है, इससे फर्क नहीं पड़ता—अब वक्त है मैदान में उतरने का।”
छत्तीसगढ़ की आंगनबाड़ी बहनों का नारा गूंज रहा है—
“वोट हमारा, राज तुम्हारा नहीं चलेगा… नहीं चलेगा।”
19 सितंबर को रायपुर में यह आंदोलन सरकार के लिए बड़ा संदेश देने जा रहा है, जिसमें मुंगेली जिले की शक्ति निर्णायक भूमिका निभाएगी।