सरगांव। सरगांव तहसील के ग्राम बड़ीयाडीह में प्रस्तावित एल एन स्टील एंड अलॉय प्राइवेट लिमिटेड के स्टील प्लांट को लेकर ग्रामीणों और जनप्रतिनिधियों में जबरदस्त आक्रोश देखने को मिल रहा है। प्लांट की 25 अप्रैल 2025 को प्रस्तावित लोक सुनवाई को लेकर जनपद पंचायत भाटापारा और पथरिया क्षेत्र की 9 ग्राम पंचायतों के सरपंचों ने संयुक्त रूप से कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी को ज्ञापन सौंपकर कार्यक्रम को स्थगित करने और प्लांट की अनुमति निरस्त करने की मांग की है।
पेयजल योजना पर खतरा, भविष्य में पानी का संकट तय?ज्ञापन में सरपंचों ने स्पष्ट किया है कि जिस स्थल पर प्लांट लगाने की तैयारी है, वहीं छत्तीसगढ़ सरकार की बहुप्रतीक्षित बहुउद्देशीय पेयजल योजना का कार्य प्रथम चरण में जारी है। इस योजना से बड़ीयाडीह समेत 22 गांवों की प्यास बुझाई जानी है। सरपंचों का कहना है कि यदि प्लांट की स्थापना होती है, तो यह योजना ठप्प हो जाएगी और आने वाले वर्षों में ग्रामीणों को गंभीर पेयजल संकट का सामना करना पड़ेगा।
जर्जर सड़कों पर भारी ट्रकों का खतरा, पर्यटन को भी लगेगा झटका: ज्ञापन में यह भी बताया गया कि कोयला और लोहा परिवहन के लिए प्रस्तावित सड़क मार्ग वर्तमान में जर्जर है। भारी वाहनों के नियमित आवागमन से सड़कें और अधिक खराब होंगी, जिससे स्थानीय लोगों के अलावा मदकू द्वीप और देवरानी-जेठानी मंदिर जैसे विश्व प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों पर आने-जाने वाले पर्यटकों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा।
उग्र आंदोलन की चेतावनी, ग्रामीणों के समर्थन में उतरेंगे सरपंच: सरपंचों ने दो टूक कहा है कि यदि जनहित को दरकिनार करते हुए लोक सुनवाई आयोजित की जाती है, तो वे ग्रामीणों के साथ मिलकर उग्र आंदोलन करेंगे। उन्होंने प्रशासन को चेतावनी दी है कि क्षेत्रीय जनता की भावनाओं की अनदेखी करना भारी पड़ सकता है।
इन ग्राम पंचायतों ने जताया विरोध: इस सामूहिक विरोध में अमलीडीह (क), लमती, परसवानी, गोढ़ी (एस), अकोली, मेंड्रा, कोदवा, कोनी (जनपद पंचायत भाटापारा) और दरुवनकांपा (जनपद पंचायत पथरिया) के सरपंचों ने हस्ताक्षर कर ज्ञापन सौंपा है।
अब देखना होगा कि प्रशासन जन भावनाओं को तवज्जो देता है या फिर उद्योग के पक्ष में निर्णय लेता है। लेकिन एक बात तय है — बड़ीयाडीह की जमीन पर स्टील प्लांट की राह इतनी आसान नहीं होने वाली।