Headlines

बासुदेव प्लांट हादसा: मेंटेनेंस के दौरान गर्म डस्ट में गिरे दो मजदूर, हालत बेहद नाजुक

सरगांव| सरगांव तहसील अंतर्गत ग्राम पंचायत रामबोड़ स्थित बासुदेव स्पंज आयरन प्लांट में रविवार को मेंटेनेंस कार्य के दौरान एक दर्दनाक हादसा हो गया। ऊंचाई पर कार्य कर रहे दो मजदूर मजदूर पंकज निषाद को पैर और ठेकेदार संजय सिंह को कमर में चोट लगी। दोनों ही अचानक संतुलन बिगड़ने से गर्म डस्ट के गड्ढे में गिर गए, जिससे वे बुरी तरह झुलस गए। जिन्हे गंभीर हालत में तत्काल बिलासपुर स्थित सिम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां से संजय सिंह की हालत गंभीर होने पर अपोलो हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है। वही पंकज की हालत अब खतरे से बाहर बताई जा रही है। चश्मदीदों ने बताया कि रविवार को प्लांट में नियमित मेंटेनेंस कार्य चल रहा था। उसी दौरान ऊपरी संरचना पर काम कर रहे दोनों मजदूर अचानक फिसल कर सीधे नीचे गर्म डस्ट में जा गिरे। डस्ट का तापमान अत्यधिक होने के कारण उनके शरीर का बड़ा हिस्सा झुलस गया। प्रत्यक्षदर्शी कर्मचारियों ने त्वरित साहस दिखाते हुए उन्हें बाहर निकाला और तत्काल अस्पताल पहुंचाया, जिससे उनकी जान बच सकी। स्थानीय नागरिकों और मजदूर प्रतिनिधियों ने प्रशासन व श्रम विभाग से मामले की निष्पक्ष जांच और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि अगर सुरक्षा मानकों का पालन नहीं हुआ तो भविष्य में और भी बड़े हादसे हो सकते हैं। हादसे के बाद क्षेत्र में आक्रोश का माहौल है। श्रमिक संगठनों ने चेतावनी दी है कि यदि दोषी अधिकारियों और प्रबंधन पर शीघ्र कार्रवाई नहीं की गई, तो वे उग्र आंदोलन करेंगे।

प्लांट प्रबंधन की लापरवाही से हो रहे लगातार हादसे..

क्षेत्र में चार प्रमुख उद्योग – बासुदेव स्पंज आयरन प्लांट, कुसुम स्मेल्टर्स प्राइवेट लिमिटेड, सीता एनर्जन एवं राम लक्ष्मण सीमेंट प्लांट संचालित हैं। ये चारों ही प्लांट क्षेत्र में रोजगार के स्रोत अवश्य बने हैं, किंतु सुरक्षा मानकों की अनदेखी के कारण लगातार हादसों की आशंका बनी रहती है। स्थानीय कर्मचारियों द्वारा बताया गया है कि इन चारों प्लांटों में कार्य के दौरान सुरक्षा उपकरण जैसे हेलमेट, सेफ्टी बेल्ट, फायर प्रोटेक्शन, गैस मास्क और हीट से सुरक्षा प्रदान करने वाले वस्त्र नियमित रूप से उपलब्ध नहीं कराए जाते। कई बार तो कर्मचारियों को बिना किसी सुरक्षा साधन के ऊंचाई या खतरनाक मशीनों के पास काम करने के लिए मजबूर किया जाता है। बीते कुछ महीनों में इन प्लांटों में कई गंभीर दुर्घटनाएं हो चुकी हैं। 9 जनवरी 2025 को कुसुम स्मेल्टर्स में साइलो गिरने से 3 मजदूरों की मौत हो गई थी। यह स्थिति न केवल कर्मचारियों की जान के लिए खतरा है, बल्कि औद्योगिक नियमों की भी खुली अवहेलना है। इन प्लांटों की गतिविधियों पर जिला प्रशासन की नियमित निगरानी और सुरक्षा ऑडिट नहीं हो रही है। कई बार हादसों की सूचना दिए जाने के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जाती, जिससे प्लांट प्रबंधन को नियमों के उल्लंघन के बावजूद मनमानी करने की छूट मिल रही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *