बिलासपुर। आस्था अगर सच्ची हो, तो रास्ते की कठिनाइयाँ भी श्रद्धा के आगे नतमस्तक हो जाती हैं। शुभम विहार कॉलोनी निवासी 17 वर्षीय पीयूष यादव ने कुछ ऐसा ही कर दिखाया है। मात्र 17 साल की उम्र में पीयूष ने छत्तीसगढ़ के बिलासपुर से मध्यप्रदेश स्थित प्रसिद्ध बाबा बागेश्वर धाम तक की 600 किलोमीटर लंबी पैदल यात्रा पर निकल पड़े हैं।
पीयूष के पिता नंदलाल यादव और परिवार के अन्य सदस्य शुरू में इस यात्रा के लिए चिंतित थे और उन्होंने उसे मना भी किया, लेकिन पीयूष के मन में बागेश्वर सरकार के प्रति अपार श्रद्धा है। उन्होंने अपने स्वप्न में यह प्रेरणा मिलने के बाद 15 जून 2025 को यात्रा का संकल्प लिया और अकेले ही निकल पड़े।
पीयूष बताते हैं कि वे बचपन से ही भगवान हनुमान के भक्त रहे हैं। दो साल पहले जब वह पहली बार बागेश्वर धाम पहुँचे, तब से उनके जीवन में एक आध्यात्मिक परिवर्तन आया। तभी से उनके मन में वहाँ फिर से जाने की तीव्र इच्छा थी। जब कुछ समय पहले बागेश्वर धाम के संत पंडित धीरेन्द्र शास्त्री बिलासपुर आए, तो पीयूष उन्हें देखने और स्वागत करने हवाई अड्डे तक पहुँच गए थे।
इस कठिन यात्रा के दौरान पीयूष को जंगलों, बारिश, सुनसान रास्तों और जंगली जानवरों जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन उनका हौसला अडिग है। उनका विश्वास है कि बागेश्वर बाबा उनकी रक्षा करेंगे और उन्हें सफलतापूर्वक अपने धाम तक पहुँचाएंगे।
उनके परिवार में पिता नंदलाल यादव, माता मनीषा यादव, दादा भरत लाल यादव और दादी शांति बाई यादव शामिल हैं। परिवार आज भले ही चिंतित हो, लेकिन बेटे की आस्था और साहस पर उन्हें गर्व भी है।
पीयूष की यह यात्रा न केवल धार्मिक आस्था की मिसाल है, बल्कि युवाओं के लिए यह संदेश भी देती है कि विश्वास और संकल्प से कोई भी राह कठिन नहीं होती।