सेतगंगा (मुंगेली)। अद्वितीय, पौराणिक और ऐतिहासिक श्री राम जानकी मंदिर सेतगंगा (मुंगेली) में 30 मार्च से 7 अप्रैल तक चलने वाली श्रीराम चरित मानस आध्यात्मिक धर्म चेतना प्रवचन का भव्य शुभारंभ हुआ। कथा से पहले नगर में भव्य शोभायात्रा एवं मंगल कलश यात्रा निकाली गई, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की उपस्थिति रही।
कलश यात्रा की शुरुआत मंदिर परिसर से हुई, जो नगर के मुख्य मार्गों से गुजरते हुए कथा स्थल पर संपन्न हुई। इस दौरान महिलाएं व कन्याएं पीले वस्त्र धारण कर, सिर पर गंगाजल से भरे मंगल कलश उठाए हुए राम भक्तिरस में लीन दिखीं। पूरे नगर में “जय श्री राम” के जयघोष से आध्यात्मिक वातावरण गूंजायमान हो गया।
जगतगुरु विष्णु देवाचार्य जी ने की कथा प्रवचन की शुरुआत
श्री श्री 1008 जगतगुरु विष्णु देवाचार्य जी मिथिला पीठाधीश्वर (बिहार), पंडित दीनानाथ उपाध्याय जी, महंत राधेश्याम दास जी और संत वैष्णव दास जी ने पूजा-अर्चना कर श्री राम कथा का शुभारंभ किया।
प्रथम दिवस के प्रवचन में जगतगुरु विष्णु देवाचार्य जी महाराज ने कहा कि श्रीराम कथा सुनने के लिए तन और मन का निर्मल होना आवश्यक है। उन्होंने श्रीरामचरितमानस की चौपाइयों के माध्यम से भक्ति और अनुराग का महत्व समझाया: “निर्मल मन जन सो मोहि पावा। मोहि कपट छल छिद्र न भावा।। “मिलहि न रघुपति बिन अनुराग। किए जोग तप ज्ञान विराग।।”
उन्होंने बताया कि रामकथा केवल सुनने के लिए नहीं, बल्कि जीवन में आत्मसात करने के लिए है।
इस शुभ अवसर पर पं. दीनानाथ उपाध्याय, महंत राधेश्याम दास, दादू राम गवेल, केशव सिंह परिहार, रामस्वरूप साहू, अक्षय देवांगन, डॉ. सुरेश केशरवानी, रुद्रमणि उपाध्याय, रामजी शर्मा, कन्हैया गुप्ता, रमाकांत सोनी, राजू सोनी, रामकुमार निषाद सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे।
रामकथा में श्रद्धालुओं का उत्साह देखते ही बन रहा है, और कथा स्थल पर प्रतिदिन भक्ति और आध्यात्मिकता की गंगा बह रही है।