सरगांव गौवंश हादसा: 15 मवेशियों की मौत, 3 घायल — प्रशासन सक्रिय, चक्का जाम से हाईवे पर जाम की स्थिति


गौठान अव्यवस्था, बंद स्ट्रीट लाइट और मवेशियों की लापरवाही बनी हादसे का कारण, विश्व हिंदू परिषद-बजरंग दल व ग्रामीणों ने किया चक्काजाम

मुंगेली, 31 जुलाई 2025//
विकासखंड पथरिया अंतर्गत रायपुर-बिलासपुर राष्ट्रीय राजमार्ग (NH-130) पर ग्राम किरना, सरगांव बाजार चौक के समीप एक तेज़ रफ्तार वाहन की टक्कर से 15 गौवंश की मौके पर ही मृत्यु हो गई जबकि 3 अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। यह दुखद घटना देर रात घटी, जब क्षेत्र में स्ट्रीट लाइट बंद थी और मवेशी खुले में घूम रहे थे।

सूचना मिलते ही जिला प्रशासन तत्काल हरकत में आयाकलेक्टर श्री कुंदन कुमार, पुलिस अधीक्षक श्री भोजराम पटेल, जिला पंचायत सीईओ श्री प्रभाकर पांडेय, एसडीएम श्री अजय कुमार शतरंज, पशु चिकित्सा उपसंचालक डॉ. आर.एम. त्रिपाठी सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारी एवं तकनीकी दल मौके पर पहुँचे।

घायलों को तुरंत उपचार के लिए भेजा गया, जबकि मृत पशुओं का पोस्टमार्टम कर उन्हें सरगांव के समीप चिन्हित स्थल पर दफनाया गया। प्रशासन एवं पुलिस की संयुक्त कार्रवाई से मार्ग को शीघ्र साफ कर यातायात सामान्य किया गया।


हादसे के कारण: कई स्तर पर लापरवाही उजागर

प्रारंभिक जांच में सामने आया कि:

  • राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्ट्रीट लाइट कई दिनों से बंद थी, जिससे दृश्यता कम हो गई थी।
  • ग्राम पंचायत क्षेत्र अंतर्गत गौठान की व्यवस्थाएं अत्यंत लचर हैं, जिसके चलते मवेशी खुले में घूम रहे हैं।
  • पशुपालकों द्वारा अपने मवेशियों की देखरेख नहीं की जा रही है, जो कि छत्तीसगढ़ नगर पालिका अधिनियम 1961 और पशु क्रूरता निवारण अधिनियम 1960 के उल्लंघन की श्रेणी में आता है।

चक्काजाम और जनआक्रोश

हादसे की जानकारी फैलते ही विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता मौके पर पहुंचे और राष्ट्रीय राजमार्ग पर चक्का जाम कर दिया। भारी संख्या में एकत्र लोगों ने प्रशासन के प्रति नाराजगी जताई और दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की मांग की।
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए प्रशासनिक अमला पुनः मौके पर पहुंचा और मौके की कमान संभालते हुए स्थिति को नियंत्रित किया। शांतिपूर्वक समझाइश के बाद जाम हटाया गया।


प्रशासन की प्रतिक्रिया और निर्देश

कलेक्टर व पुलिस अधीक्षक ने इस दुखद व संवेदनशील घटना पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए संबंधित विभागों को निर्देशित किया:

  • गौठान की तत्काल मरम्मत और मवेशियों के सुरक्षित ठहराव की व्यवस्था की जाए।
  • राष्ट्रीय राजमार्ग पर सभी खराब स्ट्रीट लाइट्स की मरम्मत कार्य युद्धस्तर पर हो।
  • पशुपालकों को अपने पशुओं को खुला छोड़ने पर दंडात्मक कार्रवाई की चेतावनी दी जाए।

कानूनी परिप्रेक्ष्य

  1. भारतीय दंड संहिता की धारा 279 (लापरवाही से वाहन चलाना) और 429 (पशु की मृत्यु/हानि पर दंड) के अंतर्गत संबंधित वाहन चालक पर आपराधिक मामला दर्ज हो सकता है।
  2. पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960 की धारा 11 के तहत पशुओं की उपेक्षा पर जुर्माना व सजा संभव है।
  3. छत्तीसगढ़ पंचायत राज अधिनियम के अनुसार, ग्राम पंचायत की जिम्मेदारी है कि वह गौठान सुचारू रूप से संचालित करे। लापरवाही की स्थिति में संबंधित सचिव/सरपंच पर कार्यवाही हो सकती है।

यह घटना केवल एक दुर्घटना नहीं, बल्कि प्रशासनिक ढिलाई, तकनीकी उपेक्षा और सामाजिक लापरवाही का मिश्रण है। यदि समय रहते स्ट्रीट लाइट दुरुस्त होती, गौठान व्यवस्थित होते और पशुपालक जिम्मेदारी निभाते — तो यह त्रासदी टाली जा सकती थी।


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