सरगांव। सरगांव तहसील के ग्राम पंचायत मदकू, सल्फा और बासीन क्षेत्र में अवैध रेत उत्खनन को रोकने के लिए 26 मई को जिला प्रशासन द्वारा की गई कार्यवाही पूरी तरह से नाकाम साबित हो रही है। कार्यवाही के चंद घंटों बाद ही मदकू घाट पर रेत माफिया पुनः सक्रिय हो गए और रातभर खुलेआम रेत की खुदाई और परिवहन करते रहे।
स्थानीय ग्रामीणों और प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, कार्यवाही के रात से लगातार चौथे दिन (26,27,28,29 मई ) की रात करीब 8 बजे से 15-20 से अधिक ट्रैक्टरों द्वारा शिवनाथ नदी से रेत की खुदाई की गई। माफिया इतने बेखौफ हैं कि कार्यवाही के बाद भी उन्होंने शासन-प्रशासन को चुनौती देते हुए यह अवैध कारोबार बिना किसी रुकावट के जारी रखा। इससे साफ है कि उन्हें प्रशासनिक कार्रवाई की न तो कोई परवाह है, न ही कोई डर।
शासन-प्रशासन जेब में, खुलेआम दादागिरी
मदकुद्वीप में हो रहे अवैध उत्खनन की जानकारी मिलने पर समाचार प्रकाशन हेतु जब स्थानीय पत्रकार रेत घाट पहुंचे तो माफिया और उनके गुर्गों ने उन्हें घेरने की कोशिश की और धमकाया। शराब के नशे में चूर गुंडों द्वारा पत्रकारों को खुलेआम धमकियाँ दी गईं। माफिया कह रहे थे कि “शासन-प्रशासन हमारी जेब में है।”
रात की कार्यवाही में ‘सुरक्षा’ बनी बाधा, माफिया ने बनाया डर का माहौल..
माइनिंग व पुलिस और राजस्व अधिकारियों का कहना है कि उनके पास पर्याप्त बल नहीं होने और रात के समय जान-माल का खतरा होने के कारण वे कार्यवाही नहीं कर पा रहे हैं। रेत माफिया रात में दादागिरी पर उतर आते हैं और अपने गुर्गों को दारू पिलाकर ग्रामीणों को डराने धमकाने का काम कर रहे हैं।
सरकारी जमीन पर अवैध भंडारण, लेकिन कार्रवाई नदारद
मदकू और आसपास के क्षेत्रों में शासकीय भूमि पर महीनों से रेत का अवैध भंडारण चल रहा है, लेकिन 26 मई की कार्यवाही में इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। प्रशासन की इस चुप्पी ने माफियाओं के हौसले और बुलंद कर दिए हैं।
खनिज अधिकारी की भूमिका पर सवाल
जिला खनिज अधिकारी ज्योति मिश्रा की भूमिका इस पूरे मामले में संदिग्ध बताई जा रही है। सूत्रों का कहना है कि वर्षों से एक ही जिले में पदस्थ होने के चलते उनकी रेत माफियाओं से मिलीभगत है। पहले भी कई मामलों में भारी लेन-देन की खबरें सामने आ चुकी हैं। फोन कॉल्स का जवाब न देना और लीपापोती की आदतें भी उनकी निष्क्रियता को दर्शाती हैं।
नवपदस्थ कलेक्टर से उम्मीदें
जिले के नवपदस्थ कलेक्टर कुंदन कुमार से जनता को बड़ी उम्मीदें हैं। उनके आने के बाद जिले में कई सकारात्मक कार्यवाहियाँ हुई हैं। अब लोगों को विश्वास है कि वे इस मामले की निष्पक्ष जांच करवा कर रेत माफियाओं और उनसे मिलीभगत रखने वाले अधिकारियों के खिलाफ कठोर कार्यवाही करेंगे।
सोशल मीडिया पर अवैध रेत उत्खनन का मामला सामने आया:
सरगांव तहसील अंतर्गत मनियारी व शिवनाथ नदी के घाटों पर बड़े पैमाने पर अवैध रेट उत्खनन चल रहा है जिस पर पथरिया जनपद के खनिज विभाग सभापति मनीष साहू ने ग्रुप में चर्चा किया है कि सरगांव तहसील अंतर्गत कई बड़े व्यापारियों के 10000 ट्रिप से भी ज्यादा रेट डंप है जिस पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है साथ ही साथ क्षेत्र में और अन्य रेत माफिया के द्वारा भी लाखों ट्रिप रेट अवैध रूप से सरकारी जगह पर रखा गया है इस पर खनिज विभाग क्यों करवाई नहीं कर रहा है इस पर सभापति के द्वारा सवाल उठाया गया है अब देखने वाली बात होगी कि किस प्रकार खनिज विभाग के द्वारा इस पर कार्यवाही की जाती है।
सरगांव क्षेत्र में अवैध रेत उत्खनन पर गरमाई सियासत, जिला कांग्रेस अध्यक्ष ने लगाया भाजपा पर गंभीर आरोप..
सरगांव तहसील अंतर्गत अवैध रेत उत्खनन को लेकर सियासत गर्मा गई है। जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष घनश्याम वर्मा ने प्रशासनिक कार्यवाही पर सवाल उठाते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि “सुशासन के नाम पर भाजपा के लोग खुलेआम दादागिरी करते हुए अवैध रेत उत्खनन में लिप्त हैं, और प्रशासन सिर्फ दिखावटी कार्यवाही कर रहा है।” वर्मा का आरोप है कि क्षेत्र में ट्रैक्टर-ट्रॉली व हाईवा से रेत का अवैध परिवहन धड़ल्ले से हो रहा है, लेकिन प्रशासनिक कार्रवाई केवल कागजों तक ही सीमित है। “जनता के सामने प्रशासन दिखाने के लिए कुछ वाहनों को रोककर खानापूर्ति कर रहा है, लेकिन असल में बड़े स्तर पर रेत की चोरी बेरोक-टोक दादागिरी के साथ जारी है,”.. उन्होंने यह भी मांग की कि “प्रशासन को दिखावटी कार्यवाही बंद कर ठोस और निष्पक्ष कार्रवाई करनी चाहिए ताकि क्षेत्र में अवैध उत्खनन पर पूरी तरह रोक लगे।”