सरगांव – प्रदेश मे 10463 स्कूलों को बंद करने का मामला अब तूल पकड़ने लगा है,, जिसको लेकर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष दीपक बैज के निर्देश पर पुरे प्रदेश मे विरोध प्रदर्शन किया जाना है जिसको लेकर आगामी दिनों मे जिलाध्यक्ष घनश्याम वर्मा के नेतृत्व मे कार्यक्रम किया जायेगा। जिसको लेकर आज जिला कांग्रेस कमेटी कार्यालय में अमरजीत चावला प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व महामंत्री (संगठन) के नेतृत्व में किया गया ।
इस अवसर पर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व महामंत्री (संगठन) अमरजीत चावला ने कहा कि युक्तियुक्तकरण रोजगार विरोधी, शिक्षा विरोधी कदम है। इससे प्रदेश में 45000 से अधिक शिक्षकों के पद समाप्त हो जायेंगे । 10463 स्कूल सीधे तौर पर बंद कर दिये गये है, नये सेटअप के नाम पर स्कूलों में शिक्षकों के न्यूनतम पदो की संख्या में कटौती करके शिक्षक के हजारों पद खत्म कर दिया गया है। ज्ञात हो कि रमन सरकार के दौरान भी प्रदेश में 3300 से अधिक स्कूलों को बंद किया गया था, 12000 शिक्षकों के पद को खत्म किया गया था। वर्तमान में छत्तीसगढ़ में प्राइमरी स्कूलों में 21 छात्रो के बीच एक शिक्षक है, इस अनुपात को बढ़ाकर 30 छात्र प्रति शिक्षक और इसी तरह मीडिल स्कूलों में 26 छात्र प्रति शिक्षक के रेसियो को बढ़ाकर 35 छात्र प्रति शिक्षक किया जा रहा है। जिससे शिक्षको के एक तिहाई पद खत्म हो जायेंगे। नये शिक्षकों की भर्तियां न करनी पड़ी इसलिए युक्तियुक्तकरण किया जा रहा है। सरकार के इस फैसले का सबसे बड़ा नुकसान बस्तर और सरगुजा के आदिवासी अंचलों में पढ़ने वाले बच्चों पर पड़ेगा । इसके अतिरिक्त मध्यान भोजन की व्यवस्था डाक का जवाब और अन्य गैर शिक्षकीय कार्यों की जिम्मेदारी भी इन्हीं पर रहेगी। स्कूलों को जबरिया बंद किए जाने से न केवल शिक्षक बल्कि उन 10463 स्कूलों से संलग्न हजारों रसोईया, स्लीपर और मध्यान भोजन बनाने वाली महिला, स्वसहायता समूह की बहनों के समक्ष जीवन यापन का संकट उत्पन्न हो गया है। नए सेटअप के तहत सभी स्तर प्राइमरी, मिडिल, हाईस्कूल और हायर सेकेंडरी स्कूलो में शिक्षकों के न्यूनतम पदों में कटौती के चलते युवाओं के लिए नियमित शिक्षक के पद पर नई भर्ती के अवसर भी कम हो जाएंगे, शिक्षा के स्तर पर बुरा असर पड़ना निश्चित है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक ही प्रदेश में 58000 से अधिक शिक्षकों के पद रिक्त हैं, हर महीने सैकड़ो शिक्षक रिटायर हो रहे हैं, कई वर्षों से शिक्षकों का प्रमोशन रुका हुआ है, स्थानांतरण को लेकर कोई ठोस पॉलिसी बना नहीं पाए, समयमान वेतनमान का विवाद अब तक लंबित है सरकार के इस निर्णय से प्रदेश के दूरस्थ क्षेत्रों विशेषकर बस्तर, सरगुजा, जशपुर जैसे जगहों पर स्कूलों की कमी होगी, भाजपा ने विधानसभा चुनावों में दावा किया था राज्य में 58000 शिक्षकों के पद खाली है। विधानसभा में घोषणा किया 35000 पद भरे जायेंगे, इस वर्ष बजट में भी 20000 शिक्षकों की भर्ती की बात की गयी है लेकिन यह भर्तियां नहीं करनी पड़े, इसलिये 45000 पद समाप्त किये जा रहे है। जब पद ही खाली नही रहेंगे तो भर्ती कहां से करेंगे। युक्तियुक्तकरण शिक्षा विरोधी, रोजगार विरोधी कदम है। 10 हजार स्कूलों के बंद होने से रसोईया, चौकीदार, भृत्य जैसे पद भी समाप्त होंगे हजारों लोगों के रोजगार के अवसर समाप्त होंगे। जिसको लेकर कांग्रेस जमीनी लड़ाई लड़ेगी पत्रकारों से वार्ता के दौरान अमरजीत चावला ने कहा कि मुख्यमंत्री के पास ही शिक्षा मंत्रालय है,, अगर शिक्षकों के साथ न्याय हो रहा तो हमारे प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज के साथ डिबेट कर ले, सारी बाते सामने आ जाएगी। प्रेसवार्ता में
जिलाध्यक्ष घनश्याम वर्मा,संजीत बनर्जी,हेमेंद्र गोस्वामी,आत्मा सिंह क्षत्रिय,स्वतंत्र मिश्रा,दिलीप बंजारा,संजय यादव,राजा ठाकुर, जागेश्वरी वर्मा,अभिलाष सिंह,दुर्गा यादव,जलेश यादव,मनोज सोनकर, अजय साहू,विष्णु खांडे,दादू मल्हा,कमल जांगड़े,कामता जांगड़े,महेंद्र यादव,शत्रुहन सोनकर,अभिषेक यादव,प्रेम,सहित बड़ी संख्या मे कांग्रेसी कार्यकर्त्ता उपस्थित रहे।
इस पुरे मामले पर जिलाध्यक्ष घनश्याम वर्मा ने कहा कि एक तरफ सरकार शिक्षा के मंदिर को बंद कर रही है वही दूसरी तरफ सरकारी शराब दुकानों मे बड़ोत्तरी कर रही। विपक्ष मे रहने के दौरान भाजपा ने पूर्ण शरब बंदी की मांग जोर शोर से करती रही,, वही सत्ता मे आने के उसी ने शराब दुकानों बड़ोत्तरी कर अपनी मनसा स्पष्ट कर दी है। प्रदेश की जनता के लिए शिक्षा से ज्यादा शराब महत्वपूर्ण है।
घनश्याम वर्मा
जिलाध्यक्ष कांग्रेस कमेटी मुंगेली