मुंगेली। शासन के नियमानुसार 62 वर्ष की आयु पूर्ण करने के पश्चात व्यायाम शिक्षक श्री राम भजन देवांगन 31 मई को सेवानिवृत्त हो गए। अपने जीवन के 41 वर्ष, 2 माह और 21 दिन उन्होंने विद्यार्थियों के शारीरिक, मानसिक और नैतिक विकास को समर्पित कर दिए। उनके सम्मान में छात्रों द्वारा उन्हें “गुरु द्रोणाचार्य” की उपाधि से नवाजा गया।
श्री देवांगन ने तैराकी, कबड्डी, ताइक्वांडो, मार्शल आर्ट जैसे विविध खेलों में सैकड़ों विद्यार्थियों को प्रशिक्षित किया। उनके मार्गदर्शन में प्रशिक्षित खिलाड़ी न केवल राष्ट्रीय बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर छत्तीसगढ़ का नाम रोशन कर चुके हैं। उनके शिष्य आज दिल्ली, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, आंध्रप्रदेश, पश्चिम बंगाल, बिहार, केरल, चंडीगढ़, पंजाब, राजस्थान जैसे राज्यों में जाकर राज्य और देश का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं।
इनमें से कई खिलाड़ी आज भारतीय सेना, अर्धसैनिक बल, पुलिस, अग्निवीर, रेलवे एवं शिक्षा जैसे क्षेत्रों में सेवाएं दे रहे हैं। श्री देवांगन ने एक दशक से भी अधिक समय तक जनरल मैनेजर के रूप में राष्ट्रीय स्पर्धाओं में छत्तीसगढ़ का प्रतिनिधित्व किया।
विशेष उल्लेखनीय है कि प्रत्येक वर्ष जिले के राष्ट्रीय पर्व कार्यक्रमों में वे 1000 से अधिक छात्र-छात्राओं से राष्ट्रीय धुन पर पी.टी. प्रदर्शन कराते रहे, जो दर्शकों के लिए अविस्मरणीय अनुभव रहा।
उनकी सेवाओं और समर्पण को देखते हुए उन्हें सांसद, मंत्री, विधायक, कलेक्टर, जनप्रतिनिधियों, समाजसेवियों और सबसे बढ़कर विद्यार्थियों द्वारा अनेकों बार उत्कृष्ट प्रशिक्षक के रूप में सम्मानित किया गया है।
श्री देवांगन का योगदान खेल जगत और शिक्षा क्षेत्र के लिए एक प्रेरणास्रोत है। उनके अनुशासन, समर्पण और नेतृत्व ने क्षेत्र की अनेक पीढ़ियों को दिशा दी है।